Friday, April 11, 2025
उत्तरप्रदेश के एक गांव में मस्जिदों पर लाउड स्पीकर और एंपालीफायर लगाने लगाने पर एसडीएम द्वारा लगाई गई रोक हटाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया।याचिका करने वालों की दलील थी कि वे मस्जिदों में रोजाना पांच बार दो मिनट के लिए इन उपकरणों के उपयोग की अनुमति चाहते है।दावा था कि इससे शांति व्यवस्था या प्रदूषण को खतरा नहीं है।यह उनके धार्मिक कार्यों का हिस्सा है, बढ़ती आबादी के कारण लोगों को लाउडस्पीकर के जरिए नमाज़ के लिए बुलाना जरूरी होता है।इस दलील को नकारते हुए जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस विपिन चन्द्र दीक्षित ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद २५(१) सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने और उसका प्रचार करने की अनुमति देता है। दूसरी ओर बुनायादी मूल्य है कि हाईकोर्ट को सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए उचित ढंग से अपने विशेष न्यायिक क्षेत्राधिकार का उपयोग करना चाहिए। मौजूदा मामले में यह साफ है कि ऐसा कराने की जरूरत नहीं है। इससे सामाजिक असंतुलन पैदा हो सकता है।